आफताब की गर्मी से दरिया का पानी ख़त्म नहीं होता – Hindi Shayari

0 154

आफताब की गर्मी से दरिया का पानी ख़त्म नहीं होता,
लैला के इंकार से मजनू का जज़्बा कम नहीं होता,
फ़िराक की मुसीबत हो या यार के वस्ल की लज़्ज़त,
किसी भी हाल में अश्कों का बहना काम नहीं होता।

Download Image

Donalod Image
 Please wait while your url is generating... 3