Hindi ShayariHindi Sad Shayari आफताब की गर्मी से दरिया का पानी ख़त्म नहीं होता – Hindi Shayari By Shayari Diary On Feb 3, 2020 0 154 Share आफताब की गर्मी से दरिया का पानी ख़त्म नहीं होता, लैला के इंकार से मजनू का जज़्बा कम नहीं होता, फ़िराक की मुसीबत हो या यार के वस्ल की लज़्ज़त, किसी भी हाल में अश्कों का बहना काम नहीं होता। Hindi Sad ShayariHindi Shayari 0 154 Share FacebookTwitterWhatsAppGoogle+ReddItPinterestTumblrTelegramFacebook MessengerPrint